रक्तमोक्षण in Ayurveda Panchkarma

 रक्तमोक्षणः दूषित रक्त को शरीर से निकालने की विधि को रक्तमोक्षण कहा गया है. शस्त्र अथवा जोक  से दूषित रक्त को रोग के अनुसार शरीर के विशिष्ट भाग का चयन करके निकाला जाता है. त्वचा तथा रक्तवाहिनी के रोगों में रक्तमोक्षण से लाभ होता है. शरीर को संतुलित रखने के लिए खून का शुद्ध होना जरूरी होता है. अगर शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों की वजह से रक्त दूषित हो जाए, तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जंक फूड, बासी भोजन, नींद की कमी, मोटापा, पानी का कम सेवन इत्यादि कारणों से आपके शरीर का रक्त दूषित हो सकता है. आयुर्वेद में रक्त को शुद्ध करने के लिए रक्तमोक्षण उपचार किया जाता है.


यह आयुर्वेद के पंचकर्म उपचारों में एक है


रक्तमोक्षण आयुर्वेदिक थेरेपी का प्रमुख उपयोग रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर रक्त को साफ करने के लिए किया जाता है, ताकि शरीर में संतुलन बना रहे और शारीरिक क्रियाओं में किसी प्रकार की बाधा न हो. इसके अलावा, यह ट्यूमर, एडिमा व सोरायसिस, गठिया जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार हो सकता है

यह लगातार होने वाली एलर्जी की समस्या को भी दूर करता है

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