हरीतकी के उपयोग | हरड़ के लाभ
*हरीतकी के उपयोग*
1. हरीतकी को चबाकर खाने से जठराग्नि की वृद्धि होती है।
2. हरीतकी को पीसकर खाने से मल का शोधन होता है।
3. हरीतकी को उबालकर खाने से मल का स्तम्भन होता है।
4. हरीतकी को भूनकर खाने से त्रिदोष का शमन होता है।
5. हरीतकी को भोजन के साथ सेवन करने से बुद्धि, बल तथा इन्द्रियों को ताकत मिलती है , त्रिदोष का शमन तथा मल-मूत्र का विरेचन होता है।
6. हरीतकी को भोजन के बाद सेवन करने से अन्नपान सम्बन्धी विकारों तथा दोषों से उत्पन्न होने वाले विकारों का शमन होता है।
7. हरीतकी को सेंधा नमक के साथ खाने से कफज विकारों का शमन होता है।
8. हरीतकी को शक्कर के साथ खाने से पित्तज विकारों का शमन होता है।
9. हरीतकी को घृत के साथ खाने से वात सम्बन्धी विकारों का शमन होता है।
10. हरीतकी को गुड़ के साथ खाने से समस्त व्याधियों में लाभ होता है।
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