अडूसा की छाल या मूल, नागरमोथा,नीम की छाल, परवल का पत्र, कुटकी,गिलोय, लालचंदन, कुटज की छाल, निसोथ(काली वालीं),इन्द्रजौ, दारुहल्दी, चित्रकमूल, सौठ, आंवला, हरड़, बहेड़ा, चिरायता, जौ इन सभी को सामान मात्रा में लेकर मोटा मोटी कूटकर रख ले सेवन विधी:- 25 ग्राम लेकर 384 ग्राम पानी में में धीमी गति धीमी आंच पर पर पकाएं जब 1/4 यानी 96 ग्राम रह जाए तो छानकर कर रख ले इसमे 48 ml सुबह शाम खाली पेट लेवे जी किन्तु सुबह ब्रह्म मूर्हत में ये काढ़ा लेवे जी सुबह आंखों में मुंह की लार खाली पेट लगाए अपने आस -पास हरे पेड़ पौधे को देखे,भोजन के बाद कंघी किया करे नित्य,खाली पैर दूब घास पर चले, गाजर, आंवला, मुलेठी, परवल, करेला आदि का सेवन करे ज्यादा artifical light में रहना, गुसा, अधिक मिर्च मसालेदर ,भोजन, सफेद नमक,चाय, non veg, अधिक संभोग ,पानीर, दही आदि अभिष्यंदी पदार्थ इस मे रोग में वर्जित है