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Showing posts from March, 2023

Juice to Control Blood pressure (BP), Blood cholesterol, Reduce weight and joint pain by Homemade Detox Juice drink

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आधी जोडी पालक, आधा जोडी पुदीना, आधा जोडी धनिया, 25 पत्ते करी पत्ते ताजा आंवला 4 मध्यम आकार का, एक नींबू छीलके समेत सिर्फ बीज निकाल लें। 1 इंच ताजा अदरक, 1 इंच ताजा हल्दी (या एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर), इसे 500 मिलीलीटर बनाने के लिए पानी डालें छानकर पीएं।

ताकत और वजन कैसे बढाएं । How to increase weight and strength

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  ताकत बढ़ाने वाले लड्डू 500 ग्राम उड़द दाल 500 ग्राम बेसन 250 सफेद तिल 20 ग्राम इलायची बीज 10 ग्राम बबुल गोद 10 ग्राम ढाक गोंद 50 ग्राम रासना बीज 10 ग्राम लौंग 50 ग्राम आमला 50 ग्राम सौंफ 50 ग्राम तुलसी बीज 20 ग्राम वंग भस्म 50 ग्राम अश्वगंधा 50 ग्राम शतावर 10 ग्राम स्वर्ण वर्क 10 ग्राम नाग भस्म 5 ग्राम चांदी वर्क 750 ग्राम देसी घी औषधियों के वजन के बराबर गुड। सबसे पहले पीसने वाले सामान को अच्छे से हाथ से पीस ले।  उसके बाद घी को गर्म करे और उसमे बबुल और ढाक को भुन ले।  फिर दाल और बेसन को भूनकर सभी चीजे मिला दे और हल्का भून ले। सभी भस्म और वर्क बाद में डालना है।  अच्छे से मिलाकर गुड गर्म करके डाले। अब भस्म और वर्क डालकर अच्छे से मिलाकर लड्डू बना ले।  सुबह शाम 15-15 ग्राम की मात्रा में हल्के गुनगुने दूध के साथ ले। सारी कमजोरी दूर हो जाएगी।

महायोगराज गुग्गुलु के फ़ायदे | Benefits, uses of Mahayograj guggulu

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महायोगराज गुग्गुलु के घटक द्रव्य | Content of Maha yograj Guggulu

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रोगी मूत्र परीक्षा | Urine Examination according to Ayurveda

रोगी मूत्र परीक्षा • मूत्र का सैंपल कैसे ले वैद्य को उचित है कि चार घड़ी के तड़के रोगी को उठाकर काँच के सफेद बर्तन में अथवा कांसे के पात्र में प्रथम धार छोड़ कर मुतावे ।  फिर उस बामन को कपड़े से ढककर रक्खे। सूर्योदय होने के पीछे वैद्य उसकी परीक्षा करे । *परीक्षा 1️⃣  यदि रोगी का मूत्र पानी के सदृश हो, बहुत हो, कुछ नीला भी होय तो वायु के विकार का मूत्र जानिए। 2️⃣ जो मूत्र लाल कुसुम के सदृश होकर गर्म अथवा पीला टेसू के फूल के रंग के सदृश और थोड़ा उतरे तो गर्मी के रोगी का मूत्र जानिए।  3️⃣ जिस रोगी का ठण्डा, सफेद और चिकना मूत्र उतरे उसे कफ का रोगी जानिए ।  # साध्य रोग - चार घड़ी के तड़के का रोगी का मूत्र चार घड़ी तक धूप में रखने के पीछे वैद्य उसमें तेल की बूँद डाले।  जो तेल की बँद मूत्र के ऊपर फैल जाय तो उस रोगी को साध्य जानिए और वह अच्छा हो जाएगा  # कष्ट साध्य रोग - जो तेल की बूँद मूत्र के ऊपर न फैले और स्थिर होकर रह जाय तो उस रोगी को कष्टसाध्य जानिए ।  # असाध्य - यदि वह बूँद मूत्र में गिरने से चक्र के सदृश घूमती हुई डूब जाय तो वह रोगी अवश्य मरे। ओर जिस रोगी के मूत्र में तेल की बूँद पड़ते

Hypermetropia Ayurvedic treatment | नजदीक नजर का चश्मा हटाने का आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा इलाज

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  अडूसा की छाल या मूल, नागरमोथा,नीम की छाल, परवल का पत्र, कुटकी,गिलोय, लालचंदन, कुटज की छाल, निसोथ(काली वालीं),इन्द्रजौ, दारुहल्दी, चित्रकमूल, सौठ, आंवला, हरड़, बहेड़ा, चिरायता, जौ इन सभी को सामान मात्रा में लेकर मोटा मोटी कूटकर रख ले सेवन विधी:- 25 ग्राम लेकर 384 ग्राम पानी में में धीमी गति धीमी आंच पर पर पकाएं जब 1/4 यानी 96 ग्राम रह जाए तो छानकर कर रख  ले इसमे 48 ml सुबह शाम खाली पेट लेवे जी किन्तु सुबह ब्रह्म मूर्हत में ये काढ़ा लेवे जी सुबह आंखों में मुंह की लार खाली पेट लगाए अपने आस -पास हरे पेड़ पौधे को देखे,भोजन के बाद कंघी किया करे नित्य,खाली पैर दूब घास पर चले, गाजर, आंवला, मुलेठी, परवल, करेला आदि का सेवन करे ज्यादा artifical light में रहना, गुसा, अधिक मिर्च मसालेदर ,भोजन, सफेद नमक,चाय, non veg, अधिक संभोग ,पानीर, दही आदि अभिष्यंदी पदार्थ इस मे रोग में वर्जित है

अगर ब्लैडर चोक हो जा | What to do when your bladder is choked

 *अगर ब्लैडर चोक हो जाए...*  मूत्राशय भरा हुआ है,  और पेशाब नहीं हो रहा है,  या पेशाब करने में असमर्थ हो रहे हैं.. तो क्या करें??  यह एक प्रसिद्ध एलोपैथी चिकित्सक 70 वर्षीय ईएनटी विशेषज्ञ का अनुभव है।  एक सुबह वे अचानक उठे।  उन्हें मुत्रत्याग करने की जरूरत थी, लेकिन वे कर नहीं सके (कुछ लोगों को बाद की उम्र में कभी-कभी यह समस्या होती है)। उन्होंने बार-बार कोशिश की, लेकिन लगातार कोशिश नाकाम रही। तब उन्होंने महसूस किया कि एक समस्या खड़ी हो गयी है। एक डॉक्टर होने के नाते, वे ऐसी शारीरिक समस्याओं से अछूते नहीं थे; उनका निचला पेट भारी हो गया। बैठना या खड़े़ रहना दुस्वार होने लगा, तल-पेट में दबाव बढ़ने लगा । तब उन्होंने एक जाने-माने यूरोलॉजिस्ट को फोन पर बुलाया और स्थिति के बारे में बताया।  मूत्र-रोग विशेषज्ञ ने उत्तर दिया: "मैं इस समय एक बाहरी क्षेत्र के अस्पताल में हूँ, और आपके क्षेत्र के क्लिनिक में दो घंटे में पहुँच पाऊँगा। क्या आप इतने लंबे समय तक इसका सामना कर सकते हैं?" उन्होंने उत्तर दिया: "मैं कोशिश करूँगा।" उसी समय, उन्हें बचपन की एक अन्य एलोपैथिक महिला-डॉक्टर का

रक्तमोक्षण in Ayurveda Panchkarma

 रक्तमोक्षणः दूषित रक्त को शरीर से निकालने की विधि को रक्तमोक्षण कहा गया है. शस्त्र अथवा जोक  से दूषित रक्त को रोग के अनुसार शरीर के विशिष्ट भाग का चयन करके निकाला जाता है. त्वचा तथा रक्तवाहिनी के रोगों में रक्तमोक्षण से लाभ होता है. शरीर को संतुलित रखने के लिए खून का शुद्ध होना जरूरी होता है. अगर शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों की वजह से रक्त दूषित हो जाए, तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जंक फूड, बासी भोजन, नींद की कमी, मोटापा, पानी का कम सेवन इत्यादि कारणों से आपके शरीर का रक्त दूषित हो सकता है. आयुर्वेद में रक्त को शुद्ध करने के लिए रक्तमोक्षण उपचार किया जाता है. यह आयुर्वेद के पंचकर्म उपचारों में एक है रक्तमोक्षण आयुर्वेदिक थेरेपी का प्रमुख उपयोग रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर रक्त को साफ करने के लिए किया जाता है, ताकि शरीर में संतुलन बना रहे और शारीरिक क्रियाओं में किसी प्रकार की बाधा न हो. इसके अलावा, यह ट्यूमर, एडिमा व सोरायसिस, गठिया जैसी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार हो सकता है यह लगातार होने वाली एलर्जी की समस्या को भी दूर करता है

Yashtimadhu | यषटीमधु । Glycyrhiza glabra L.

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 Yashitimadhu is a leading herb in Amlapitta management due to it anti-emetic, gastroprotective and anti-stress actions. Its stem is widely used as a demulcent, expectorant, immunostimulant, spermatogenic and wound healing agent. यष्टीमधु यह छर्दिघ्न, आमाशयिक श्लैष्मिककलासंरक्षक तथा तनावहर गुणकर्मों के परिणामस्वरूप एक प्रधान अम्लपित्तशामक द्रव्य है। यष्टीमधु काण्ड का प्रयोग व्यापक रूप से गलक्षोभ शमन, कफनिःसरण, व्याधिप्रतिकारक्षमतावर्धन, शुक्रवर्धन तथा व्रणरोपण हेतु किया जाता है।

घुटनों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज । Ayurvedic Treatment of Knee pain

 ​केल्शियम एवं जोडो का गैप भरने वाली अक्सीर एवं अनुभूत  कुदरती औषधि​  ————————— ​यह औषधियां केल्शियम एवं जोडो के गैप भरने में काफी  कारगर है । ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ​॰ धुंटनो मे गैप होनां​ ​॰ केल्शियम की कमीं होना​ ​॰ धुंटनो की चिकनाहट कम होनां​ ​॰ असह्य धुंटनो का दर्दॅ​  ​॰ विटामिन्स एवं बि-१२ की कमी​ ​॰ मांसपेशियो का दर्द​ ​॰ संधिवात, आमवात​ ​॰ धुंटनो मे सुजन आना ​॰ विटामीन डी-३ की कमी​  ​ऊपर लिखी गई सभी समस्या में रामबाण इलाज है | सिर्फ  3-6  महिनों मे आपके धुंटने हो जायेंगे बिल्कुल स्वस्थ |​  धुंटने के दर्द को जड़ से समाप्त करने वाला असाधारण योग​ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ​•सफेद मुसली        50 gms​  ​•अश्वगंधा              50 gms​  ​•गोखरु                 50 gms​  ​•शतावर जड         50 gms​  ​•इलायची              30 gms​  ​•सौंठ                    20 gms​  ​•प्रवाल पिष्टी          10 gms​  ​•शंखभस्म             10 gms​  ​•सुवणॅमाक्षिकभस्म10 gms​  ​•गोदंती भस्म         10 gms​  ​•कुकुडान्तंक भस्म 10 gms​  ​•कर्पदिका भस्म     10 gms​  ० कुछ भस्मे जो है जैसे की प्रवाल पिष्टी, शंखभस्म, सुवर्णमा